झांसी (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। झांसी जनपद में एक कुत्ते की मौत हो जाने के बाद इंसानों की तरह उसका अंतिम संस्कार किया गया। इतना ही नहीं उसकी अस्थियां गंगा नदी में प्रवाहित की गईं। क्रिया कर्म करने के बाद परिवार द्वारा कुत्ते की तेरहवीं भी आयोजित की गई। तेरहवीं भोज खाने के लिए सैकड़ो की संख्या में लोग भी वहां आए। अब यह पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर तरफ लोग इस मामले की चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, झांसी जनपद के रक्सा थाना क्षेत्र के सुजवाह गांव के रहने वाले संजीव परिहार और उनकी पत्नी माला को कोई संतान नहीं है। दंपति ने करीब 13 साल पहले दो कुत्तों को पाल रखा था। दोनों कुत्ते 13 साल से परिवार के साथ रहते थे।
कुत्ते का नाम रखा था बिट्टू
दोनों कुत्तों में एक कुत्ते का नाम उन लोगों द्वारा बिट्टू रखा गया था। बताया जा रहा है कि एक बार घर में सांप आ गया था और बिट्टू ने सांप को काटकर मार डाला। ऐसे में बिट्टू के प्रति दंपति का प्रेम और अधिक बढ़ गया।
दंपति द्वारा दोनों कुत्तों को अपने औलाद की तरह प्यार दुलार किया जाता था। बताया जा रहा है कि एक दिन दंपति किसी काम से बाहर गए थे इसी दौरान आवारा कुत्तों ने घर में रखे गए कुत्तों पर हमला कर दिया। उन कुत्तों ने बिट्टू को काटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
इंसानों की तरह होगा अन्तिम संस्कार
घर वापस लौट के बाद जब दंपति ने देखा तो बिट्टू को लेकर पति-पत्नी अस्पताल गए। अस्पताल में उपचार के दौरान बिट्टू की मौत हो गई। बिट्टू की मौत हो जाने के बाद दंपति ने फैसला लिया कि इंसानों की तरह बिट्टू का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ऐसे में संजीव परिहार द्वारा इंसानों की तरह बिट्टू का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार किए जाने के बाद बिट्टू की अस्थियों को प्रयागराज में गंगा नदी में प्रवाहित किया गया। उसके बाद तेरहवीं संस्कार का भी आयोजन किया गया। इस भोज में गांव और आसपास से सैकड़ो लोग शामिल हुए। अब यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।