ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश):- नोएडा से आगरा को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल दरों में वृद्धि की गई है। जो बुधवार रात 12 बजे से लागू हो गई है। यह जानकारी यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) डॉ. अरुणवीर सिंह ने दी है। यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में टोल दरें बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया था जिसे मंजूरी दे दी गई है।
एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी कर रही थी मांग
डॉ. अरुणवीर सिंह के अनुसार यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी पिछले कई वर्षों से टोल दरें बढ़ाने की मांग कर रही थी। हालांकि, कुछ कारणों के चलते प्राधिकरण का बोर्ड इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे रहा था। पिछले दो वर्षों से लगातार टोल दर बढ़ाने के प्रस्तावों को बोर्ड द्वारा खारिज किया जा रहा था, लेकिन अब संचालक कंपनी द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी और उसके सत्यापन के बाद दरें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
नई टोल दरें इस तरह वसूली जाएंगी
दोपहिया और तीन पहिया वाहन अब 1 रुपये 50. पैसे प्रति किलोमीटर की दर से टोल चुकाना होगा। इन वाहनों से अभी तक एक रुपया 25 पैसे की दर से टोल लिया जा रहा था।
कार और जीप जैसे हल्के चार पहिया यात्री वाहन:
टोल दरें 2 रुपये 50 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 2 रुपये 95 पैसे प्रति किलोमीटर कर दी गई हैं। हल्के व्यावसायिक वाहन इनसे अब 4 रुपये 60 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से टोल लिया जाएगा। पहले यह दर 4 रुपये 15 पैसे प्रति किलोमीटर थी। बस और ट्रक अब 9 रुपये 35 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से टोल वसूला जाएगा, जबकि पहले 8 रुपये 45 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से टोल लिया जा रहा था।
निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले भारी वाहन :
इन वाहनों पर टोल दर बढ़ाकर 14 रुपये 25 पैसे प्रति किलोमीटर कर दी गई है, जो पहले 12 रुपये 90 पैसे प्रति किलोमीटर थी। विशाल आकार वाले वाहन (7 या उससे अधिक एक्सल वाले): इनसे अब 18 रुपये 35 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से टोल वसूला जाएगा, जबकि पहले इनसे 16 रुपये 60 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से टोल लिया जाता था।
यात्रियों की जेब पर पड़ेगा असर
यह टोल दरें आने वाले समय में यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले यात्रियों और वाहन चालकों पर सीधा असर डालेंगी। इस एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्रों से जोड़ने का महत्वपूर्ण साधन माना जाता है, जो दिल्ली-एनसीआर से आगरा तक के सफर को सुगम बनाता है। टोल दरों में वृद्धि से यातायात की लागत में वृद्धि हो सकती है, जिसका असर व्यापारिक गतिविधियों पर भी पड़ सकता है।