नोएडा (उत्तर प्रदेश):- पीड़ित परिवार ने अमेजॉन के कस्टमर केयर पर बात की तो वो लोग भी पार्सल भेजने वाली की डिटेल्स निकाल नहीं पाए और शिकायत रजिस्टर करके कहा कि 2 दिनों में आपके पास इस मामले में अपडेट आ जाएगा।
24 घंटे बाद ही फिर नोएडा के उसी घर में फ्रॉड पार्सल लेकर पहुंचा डिलीवरी बॉय
इस मामले को 24 घंटे भी नहीं बीत पाए थे कि 1 अक्तूबर को एक बार फिर इसी फ्लैट पर शाम 5.15 बजे डिलीवरी बॉय पहुंचा और कहा कि आपका पार्सल आया है लेकिन कैश ऑन डिलीवरी है। ये वही डिलीवरी बॉय था जो एक दिन पहले इसी तरह से कस्टमर से पेमेंट ले जा चुका था। लेकिन 1 अक्टूबर को फ्लैट में मौजूद परिवार का मुखिया घर पर मौजूद था तो उसने डिलीवरी बॉय से पूछताछ करना शुरू किया।
ऐसे में डिलीवरी बॉय हड़बड़ा गया और कहने लगा कि अगर ये आपका पार्सल नहीं है तो मैं कैंसल कर देता हूं और आगे से आपके पास पार्सल नहीं आएगा। इस दौरान डिलीवरी बॉय ने फोन पर किसी से बात भी की और उससे कहा कि कस्टमर जागरूक है, आगे से इन्हें समस्या नहीं होनी चाहिए।
जब कस्टमर को डिलीवरी बॉय की बात पर संदेह हुआ तो उसने डिलीवरी बॉय की बाइक की फोटो खींची। लेकिन कस्टमर ये देखकर दंग रह गया कि डिलीवरी बॉय की बाइक की नंबर प्लेट आधी टूटी हुई थी जिससे उसका पता निकालना असंभव था।
कैसे पता लगा कि फ्रॉड हुआ?
तमाम संदिग्ध चीजों के सामने आने के बाद जब डिलीवरी बॉय चला गया तो कस्टमर ने अमेजॉन की हेल्पलाइन पर फोन करके पूरा मामला बताया। जिसके बाद अमेजॉन ने शिकायत दर्ज करते हुए कस्टमर को बताया कि आपके साथ फ्रॉड हुआ है। दरअसल एक दिन पहले डिलीवर हुए पैकेट के ‘बार कोड’ से अमेजॉन के कस्टमर केयर ऑफिसर ने फ्रॉड होने की पुष्टि की। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने यूपी के साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट दर्ज करवाई है। शिकायत का नम्बर 33110240123615 है।
ये फ्रॉड किसी भी शख्स के साथ हो सकता है, ऐसे में सभी को जागरूक रहने की जरूरत है और अगर कोई ऐसी घटना सामने आती है तो फौरन साइबर क्राइम के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाएं।