नई दिल्ली :- सरकार आपराधिक गतिविधियों को लेकर टेलीग्राम की जांच कर रही है। इनमें जबरन वसूली और जुआ जैसे मामले शामिल हैं। एक सरकारी अधिकारी ने मनीकंट्रोल को इस बारे में बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के नतीजों में अगर इन मामलों की पुष्टि होती है तो सरकार इस मैसेजिंग ऐप पर प्रतिबंध लगा सकती है।
टेलीग्राम के 39 साल के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव की 24 अगस्त को पेरिस में गिरफ्तारी के बाद यह मामला सामने आया है। उन्हें इस मैसेजिंग ऐप की मॉडेरेशन पॉलिसी को लेकर गिरफ्तार किया गया है। खबरों में कहा गया है कि उन्हें ऐप पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहने पर हिरासत में लिया गया ।
इंडिया में लग सकता है प्रतिबंध
सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर 25 अगस्त को मनीकंट्रोल को बताया, ” इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (14C) और MeitY टेलीग्राम पर P2P कम्युनिकेशन की जांच कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की तरफ से की जा रही जांच में जबरन वसूली और जुआ जैसी आपराधिक गतिविधियों पर खास नजर रखी जा रही है। अधिकारी ने Telegram पर प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया है।
इंडिया में 50 लाख रजिस्टर्ड यूजर्स
मनीकंट्रोल ने इस बारे में टेलीग्राम से जानकारी मांगी है। जवाब मिलने पर यह खबर अपडेट की जाएगी। टेलीग्राम के इंडिया में 50 लाख रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। पिछले कुछ सालों में टेलीग्राम और कुछ दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले माध्यम के रूप में सामने आए हैं। इनमें ऐसे घोटाले (Scams) शामिल हैं, जिनसे लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की जाती है।
Indian Doctor shot in US: भारतीय मूल के मशहूर डॉक्टर की अमेरिका में गोली मारकर हत्या
UGC-NEET पेपर लीक मामले में हुआ था इस्तेमाल
हाल में UGC-NEET विवाद में टेलीग्राम का नाम आया था। इस मामले में स्टूडेंट्स के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा था। मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के प्रश्नपत्र लीक हुआ और आरोप है कि इसे टेलीग्राम पर शेयर किया गया। यह एनक्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप है। इसका मतलब है कि इस पर भेजे जाने वाले मैसेज कोड में कनवर्ट किए जाते हैं। खबरों के मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म पर एग्जाम के पेपर्स 5,000 से 10,000 रुपये में बेचे जा रहे थे।