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Dastak Hindustan - ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की आशंका तेज

Dastak Hindustan

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की आशंका तेज

ईरान :- ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की आशंका और तेज हो गई है। माना जा रहा है कि अगले 24 से 48 घंटों के बीच मध्य पूर्व में जंग की स्थिति बन सकती है। इस आपात स्थिति पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई है। क्योंकि अगर ईरान और इजरायल के बीच जंग शुरु होता है तो इसमें कई देशों की हिस्सेदारी देखने को मिल सकती है। गौरतलब है कि हमास प्रमुख इस्माइल हनिया की मौत के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला करने की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद से ईरान और हिजबुल्लाह लगातार इजरायल पर मिसाइल अटैक कर रहा है लेकिन इजरायल की रक्षा प्रणाली अचूक होने के कारण ईरान का हर दाव खाली चला जा रहा है।

इजरायल भी जवाबी हमले के लिए तैयार

ईरान के द्वारा हमले की धमकी के बाद से इजरायल युद्ध की तैयारियों में जुट गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने यह साफ कर दिया है कि अगर हमें ईरान के द्वारा हमले की आशंका होगी तो हम ईरान पर हमला कर देंगे। साथ ही उन्होंने ईरान की धमकी के बाद कहा था कि अगर किसी ने इजरायल की ओर आंख दिखाने की हिमाकत की तो वो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। इज़रायल पर मंडराते इस खतरे के मद्देनजर रविवार को नेतन्याहू ने इज़रायली सेना यानी इज़रायल डिफेंस फोर्स के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरज़ी हालेवी, मोसाद के प्रमुख डेविड बारनिया और शीन बेट के चीफ रोनेन बार समेत दूसरे टॉप ऑफिशियल्स के साथ मटिंग की और साफ कर दिया कि अगर ईरान या हिज्बुल्लाह में से किसी ने भी उन्हें छेड़ने की गलती की तो वो चुप नहीं बैठेंगे।

कौन देश किसके साथ?

अब सवाल ये है कि जंग की हालत में कौन किसका साथ देगा और कैसे? सूत्रों की मानें तो इस हमले में ईरान को लेबनान में हिज्बुल्लाह, सीरिया और इराक की मिलिशिया और यमन के हूती विद्रोहियों से मदद मिल सकती है, लेकिन इनमें से किसी भी देश ने अब तक खुल कर ईरान का साथ देने की बात नहीं कही है। हालांकि रूस और चीन ने ईरान का समर्थन जरूर किया है, लेकिन जंग की हालत में ये दोनों ही देश ईरान का कितना और कैसा साथ देंगे, ये साफ नहीं है। जबकि अब से पहले जॉर्डन का रुख न्यूट्रल रहा है। क्योंकि इससे पहले जब ईरान ने इज़रायल पर मिसाइलें दाग़ी थीं, तब अमेरिका के साथ-साथ जॉर्डन ने भी इजरायल की मदद की थी। वहीं, सऊदी अरब और यूएई ने भी अमेरिका को इनपुट मुहैया कराए थे। खास बात ये है कि ईरान, इराक या यमन से अगर इज़रायल को निशाना बना कर मिसाइल दाग़ी जाए, तो इन्हें जॉर्डन के आसमान को पार करना होगा, और जॉर्डन ने पिछली बार ये साफ किया था है कि वो ईरान और इज़रायल में से किसी को भी अपने हवाई सीमा का उल्लंघन करने नहीं देगा।

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