रांची (झारखंड):- 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड में भाजपा की निगाह उन नेताओं पर भी है जो पहले किन्हीं वजहों से पार्टी छोड़कर दूसरी जगह चले गए और सियासी मैदान में अपनी हस्ती का सिक्का जमाए रखा।
ऐसे कई नेताओं को फिर से पार्टी में लौटाने की तैयारी चल रही है। पार्टी के भितरखाने इस बात की जोरदार चर्चा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी पत्नी सांसद गीता कोड़ा के अलावा निर्दलीय विधायक सरयू राय अमित यादव पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह भाजपा में शामिल कराए जाएंगे।
ऐसा होने पर आगामी चुनावों में कई सीटों पर मुकाबले के नए और दिलचस्प समीकरण विकसित हो सकते हैं। मधु कोड़ा और उनकी पत्नी गीता कोड़ा का कोल्हान इलाके में खासा सियासी प्रभाव है। मधु कोड़ा ने अपने सियासी करियर की शुरुआत भाजपा के साथ ही की थी। वह 2000 में भाजपा के टिकट पर जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।
झारखंड में बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार में मंत्री भी बने थे लेकिन 2005 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। कोड़ा बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े। उनकी जीत भी हुई और बाद में वह झारखंड के सीएम भी बने। भ्रष्टाचार के मामलों में नाम सामने आने पर उन्हें जेल जाना पड़ा। कुछ मामलों में सजा भी हुई और उसकी वजह से वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिए गए लेकिन इसके बावजूद उनकी सक्रियता बरकरार रही।
खास तौर पर पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां इलाके में उन्होंने अपना सियासी वजन बरकरार रखा। वर्ष 2019 में उनकी पत्नी गीता कोड़ा पश्चिम सिंहभूम सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गईं। कोड़ा दंपति का ताल्लुक हो नामक जनजातीय समुदाय से है। कई विधानसभा सीटों में इस जनजाति की खासी आबादी है।
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