लखनऊ ( उत्तर प्रदेश):- लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस रखी है। यूपी में अयोध्या के बाद अब नैमिषारण्य सियासत की नई प्रयोगशाला के रूप में उभर रही है। यहां के मुख्य विपक्षी दल समजवादी पार्टी के बाद सत्ता रूढ़ भाजपा भी अवध क्षेत्र से चुनावी आगाज कर रही है।
भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने बताया कि बुधवार को होने वाली बैठक में अवध क्षेत्र के नैमिषारण्य की बैठक में अवध क्षेत्र से आने वाले सभी सांसद-विधायकों और सरकार के जो मंत्री हैं, उन्हें बुलाया गया है। इस बैठक में प्रदेश के महामंत्री संगठन धर्मपाल भाग लेंगे। पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों और मोर्चे के लोगों को भी बुलाया गया है।
वहीं अवध क्षेत्र के सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी भी बैठक में मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के बहुत सारे अभियान चल रहे हैं। उनके बारे में भी लोगों को जानकारी देनी रहती है। क्षेत्रीय स्तर पर ऐसी बैठकें होती रहती हैं।
राजनीतिक जानकर बताते हैं कि 2024 में लोकसभा चुनाव के लिहाज से यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। राजनीतिक विश्लेषक प्रसून का कहना है अयोध्या को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है। अब भाजपा इसी के साथ नैमिषारण्य के विकास का मुद्दा बनाना चाहती है। विश्वविख्यात नैमिषारण्य में रोजाना देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु आते हैं। अगर यहां पर विकास होगा तो पूरे देश में इसका एक संदेश जाएगा। भाजपा अब इसे धार देने की तैयारी में जुट गई है। एक तरफ अयोध्या में राममंदिर के लोकार्पण की तैयारियां चल रही हैं। वहीं अब नैमिष तीर्थ विकास का गठन होने के बाद विकास कार्यों की रूपरेखा बन रही है।
उन्होंने कहा कि बीते जून को पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने मिशन 2024 के लिए इस क्षेत्र को चुना। अब भाजपा भी इस तपोस्थल से पहली बार अवध क्षेत्र के अपने सभी सांसदों मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई है।
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