दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारका सेक्टर 10 की रामलीला में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं समस्त भारतवासियों को विजयादशमी पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। ये पर्व अन्याय पर न्याय की विजय पर्व है।
ये अत्याचारी रावण पर भगवान श्री राम के विजय का पर्व है। हम इसी भावना के साथ हर वर्ष रावण दहन करते हैं। ये पर्व हमारे लिए संकल्पों का पर्व है, अपने संकल्पों को दोहराने का पर्व है।”
इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर हमारी विजय को 2 महीने पूरे हुए हैं। विजयादशमी पर शस्त्र पूजा का भी विधान है। भारत की धरती पर शस्त्रों की पूजा किसी भूमि पर आधिपत्य नहीं, बल्कि उसकी रक्षा के लिए की जाती है।
राम मंदिर में भगवान राम के विराजमान होने में बस कुछ ही महीने बचे हुए हैं भगवान श्री राम आने ही वाले हैं।…राम के आने के उत्सव की शुरुआत तो विजयादशमी से ही शुरू हो गई थी।..”
हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का धहन सिर्फ पुतले का धहन न हो। ये दहन हो हर उस विकृति का जिस कारण से समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। ये दहन हो उन शक्तियों का जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करती हैं। ये दहन हो उन विचारों का जिनमें भारत का विकास नहीं स्वार्थ की सिद्धि निहित है।
वहीं दशहरा समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लाल किला पहुंचीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “विजयदश्मी के पावन अवसर पर मैं देश विदेश में बसे सभी भारतवासियों को बधाई देती हूं और आप सबके सुख और समृद्धि की कामना करती हूं। ये पर्व हमारे महान राष्ट्र के साझा मूल्य को दर्शाता है।
ये एक ऐसा पर्व है जो समाज में सच्चाई, नैतिकता और मर्यादापूर्ण व्यवहार को अपनाने की प्रेरणा देता है। आज भी हम भ्रष्टाचार, असमानता, अशिक्षा, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद रूपी रावण जैसी कई बुराइयों का सामना कर रहे हैं। प्रभु श्री राम के जीवन मूल्य इन सभी चुनौतियों से निपटने में हमारी मदद कर सकते हैं।”
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