नई दिल्ली :- भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र तेजी से बदल रहा है। बढ़ते मेडिकल खर्च और महंगी इलाज प्रणाली के कारण अब हर व्यक्ति के लिए एक सही स्वास्थ्य बीमा योजना चुनना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। वर्ष 2025 में बाजार में बीमा योजनाओं की इतनी अधिक विविधता मौजूद है कि आम उपभोक्ता के लिए यह तय करना मुश्किल हो गया है कि कौन सी योजना उसके लिए सबसे उपयुक्त है।
डिजिटल तकनीक ने बीमा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। कई नई कंपनियां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए मिनटों में पॉलिसी जारी कर रही हैं और कस्टमाइज्ड योजनाएं प्रदान कर रही हैं। वहीं पुरानी बीमा कंपनियां भी अब डिजिटल सेवाओं पर जोर दे रही हैं ताकि ग्राहक को बेहतर अनुभव मिल सके। इसके बावजूद कई लोगों को नियम शर्तों और कवर सीमा को समझने में कठिनाई होती है जिससे गलत पॉलिसी चुनने का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा लेते समय केवल प्रीमियम राशि ही नहीं बल्कि अस्पताल नेटवर्क क्लेम प्रक्रिया और कवर लिमिट जैसी बातों पर ध्यान देना जरूरी है। परिवार की जरूरतों और आयु समूह के अनुसार योजना का चयन करना सबसे समझदारी भरा कदम होता है।
महामारी के बाद लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है परंतु इसके साथ ही धोखाधड़ी और गलत जानकारी वाले विज्ञापन भी बढ़े हैं। इसलिए उपभोक्ताओं को किसी भी बीमा योजना में निवेश करने से पहले उसकी सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य बीमा केवल एक विकल्प नहीं बल्कि जीवन की अनिवार्य जरूरत बन जाएगा क्योंकि बढ़ती बीमारियों और महंगे इलाज के दौर में यही आर्थिक सुरक्षा का सबसे भरोसेमंद साधन है।






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