नई दिल्ली: सरकार की सीधी कर संग्रह में इस वित्तीय वर्ष में अब तक 6.3% की वृद्धि देखी गई है जिससे कुल संग्रह ₹11.89 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यह जानकारी आयकर विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से मिली है।
कर संग्रह में वृद्धि
सरकार की सीधी कर संग्रह में वृद्धि का मुख्य कारण कॉर्पोरेट कर और गैर-कॉर्पोरेट कर से प्राप्त राजस्व में बढ़ोतरी है। कॉर्पोरेट कर से प्राप्त राजस्व में वृद्धि देखी गई है जो इस वित्तीय वर्ष में अब तक ₹5.02 लाख करोड़ और गैर-कॉर्पोरेट कर से प्राप्त राजस्व ₹6.56 लाख करोड़ है।
टैक्स रिफंड में कमी
सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक ₹2 लाख करोड़ के टैक्स रिफंड जारी किए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में कम है जो आयकर विभाग के आंकड़ों से पता चलता है। टैक्स रिफंड में यह कमी मुख्य रूप से गैर-कॉर्पोरेट करदाताओं को कम रिफंड दिए जाने के कारण हुई है।
आर्थिक वृद्धि के संकेत
सरकार की सीधी कर संग्रह में वृद्धि आर्थिक वृद्धि के संकेत दे रही है। यह वृद्धि इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और लोगों की आय में वृद्धि हो रही है। सरकार की कर नीतियों का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
सरकार के लक्ष्य
सरकार का इस वित्तीय वर्ष के लिए सीधी कर संग्रह का लक्ष्य ₹25.2 लाख करोड़ है। अब तक के संग्रह के आधार पर सरकार ने इस लक्ष्य का लगभग 47% हासिल कर लिया है। सरकार को उम्मीद है कि वह इस वित्तीय वर्ष में अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगी।






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