मथुरा (उत्तर प्रदेश):- वृंदावन के भजन मार्ग के संस्थापक संत प्रेमानंद जी महाराज की सेहत को लेकर भक्तों में चिंता की लहर है। 47 वर्ष के संत का स्वास्थ्य पिछले कई वर्षों से अस्थिर है और उनकी लगातार चिकित्सा की जरूरत बनी हुई है। वर्ष 2006 से संत की दोनों किडनियां पूरी तरह से काम नहीं कर रही हैं। इस वजह से उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस कराने की आवश्यकता है ताकि जीवन के मूलभूत कार्य ठीक से चलते रहें।
भक्तों का कहना है कि संत प्रेमानंद जी हमेशा लोगों की भलाई और आध्यात्मिक मार्गदर्शन में लगे रहते हैं, लेकिन उनकी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं ने उनके आसपास के लोगों को चिंता में डाल दिया है। संत की बीमारी इतनी गंभीर है कि उन्हें दैनिक जीवन में कई चीजों में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद उनका उत्साह और भक्ति से भरा व्यक्तित्व लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी संत की सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। कई बार विशेष चिकित्सकों की टीम उन्हें नियमित जांच और आवश्यक उपचार के लिए देखती है। भक्तगण भी उनकी सेवा में लगे हुए हैं और उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रार्थना करते रहते हैं।
संत प्रेमानंद जी का जीवन भक्ति, साधना और सेवा का उदाहरण रहा है। उनकी बीमारी के बावजूद उन्होंने हमेशा समाज और साधकों को मार्गदर्शन दिया है। अब उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि वे अपने धार्मिक और सामाजिक कार्यों को निरंतर जारी रख सकें। भक्तों की दुआएं और चिकित्सकीय देखभाल मिलकर संत की जीवन यात्रा को स्वास्थ्यपूर्ण बनाए रखने में मदद कर रही हैं।






Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114