नई दिल्ली :- दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है और राजधानी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा के करीब पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राजधानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन समिति ने गंभीर स्थिति को देखते हुए GRAP के पहले चरण की पाबंदियां लागू कर दी हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राजधानी का AQI 211 दर्ज किया गया है जो हवा की गुणवत्ता को खराब श्रेणी में दर्शाता है।
प्रदूषण बढ़ने के कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को मास्क पहनने और घर से अनावश्यक बाहर न निकलने की सलाह दे रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया गया है ताकि निजी वाहनों की संख्या कम हो और वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके। सरकारी अधिकारियों ने वाहनों की अनावश्यक आवाजाही और उद्योगों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित करने के उपाय किए हैं।
स्कूलों और बच्चों के लिए भी सलाह जारी की गई है कि वे बाहरी गतिविधियों को सीमित करें और घर के अंदर सुरक्षित रहें। दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे आग जलाने और पटाखों के इस्तेमाल से बचें ताकि प्रदूषण और बढ़े नहीं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड और धुंध की स्थिति वायु में प्रदूषकों के जमाव को बढ़ा रही है और समय रहते सतर्कता आवश्यक है। प्रशासन ने GRAP की पाबंदियों के तहत उद्योगों, निर्माण कार्यों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषण पर निगरानी बढ़ा दी है।
दिल्लीवासियों के लिए यह चेतावनी भी है कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अपनाएं और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। यदि सभी नियमों का पालन करें तो वायु की गुणवत्ता में सुधार संभव है और शहर के लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सकता है।
यह स्थिति यह स्पष्ट करती है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं और हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इन नियमों का पालन करे।






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