स्वस्थ जीवन के लिए वसा का सेवन आवश्यक है क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा देता है और विभिन्न अंगों के कार्य में मदद करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सभी वसा समान नहीं होती। हेल्दी फैट और ट्रांस फैट में स्पष्ट अंतर होता है। हेल्दी फैट वह वसा है जो हृदय और मस्तिष्क के लिए लाभकारी होती है। जैतून का तेल, सरसों का तेल, अखरोट, अलसी के बीज और एवोकाडो जैसी चीजों में हेल्दी फैट प्रचुर मात्रा में मिलती है। यह वसा शरीर के कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में मदद करती है और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करती है।
वहीं ट्रांस फैट वह वसा है जो मुख्य रूप से प्रोसेस्ड फूड और फ्राइड चीजों में पाई जाती है। इसे सेवन करने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। AIIMS के डॉक्टरों के अनुसार प्रतिदिन वसा का सेवन संतुलित मात्रा में होना चाहिए। एक दिन में कुल कैलोरी का दस से पंद्रह प्रतिशत हिस्सा हेल्दी फैट से लिया जाना चाहिए। ट्रांस फैट का सेवन संभव हो तो बिल्कुल न करें या बहुत कम मात्रा में करें।
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि हेल्दी फैट खाने के तरीके में बदलाव लाकर आसानी से शरीर में शामिल किया जा सकता है। तला हुआ खाना कम करें और सलाद, सूप और ड्रेसिंग में हेल्दी ऑयल का उपयोग करें। इसके अलावा नट्स और बीज को स्नैक के रूप में खाने से शरीर को जरूरी पोषण मिलेगा।
इस प्रकार हेल्दी फैट शरीर को मजबूत बनाने और मानसिक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है जबकि ट्रांस फैट सेहत के लिए हानिकारक होता है। संतुलित और सही मात्रा में वसा का सेवन करने से आप हृदय रोग और मोटापे जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।






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