पटना (बिहार):- बिहार की राजनीति में एक बार फिर से सीमांचल की जंग गरमा गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीमांचल के कद्दावर नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के दोनों बेटे सरफराज आलम और शहनवाज आलम एक बार फिर से आमने-सामने हैं। इस बार दोनों भाइयों के बीच जोकीहाट विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला होना है।
राजनीतिक विरासत की जंग
मोहम्मद तस्लीमुद्दीन की राजनीतिक विरासत को लेकर दोनों भाई एक-दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई दे रहे हैं। सरफराज आलम, जो पहले आरजेडी में थे अब जन सुराज पार्टी में शामिल हो गए हैं जबकि शहनवाज आलम आरजेडी के टिकट पर जोकीहाट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर तस्लीमुद्दीन पांच बार जीत चुके हैं और इस बार भी दोनों भाइयों के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावना है।
चार-रास्ता मुकाबला
जोकीहाट विधानसभा सीट पर इस बार चार-रास्ता मुकाबला होने की संभावना है। जेडीयू ने मनजार आलम को अपना उम्मीदवार बनाया जबकि एआईएमआईएम ने भी इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा है। इस सीट पर मुस्लिम वोटों का विभाजन हो सकता है जिससे मुकाबला और भी रोचक हो जाएगा।
तस्लीमुद्दीन की राजनीतिक विरासत
मोहम्मद तस्लीमुद्दीन बिहार की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया जिसमें राज्यसभा सदस्य, लोकसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। उनकी राजनीतिक विरासत को अब उनके दोनों बेटे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
आरजेडी की चुनौती
आरजेडी के लिए यह सीट बचाना एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सरफराज आलम के जन सुराज पार्टी में शामिल होने से पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शहनवाज आलम को अपने भाई के साथ-साथ अन्य दलों के उम्मीदवारों से भी कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है।






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