लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय एक ऐसा दौर चल रहा है जहां सत्ता के भीतर की हलचल बाहर के तूफान से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का हालिया ब्रेन हैमरेज इस सच्चाई की परतें खोल रहा है। चार अक्टूबर को आए ब्रेन हैमरेज के बाद मंत्री की पहली तस्वीर सामने आई जिसमें वे मुंह ढके अस्पताल की ओर जाते नजर आए। उनके चेहरे पर न दिखाई देने वाला दर्द बहुत कुछ कह गया।
सरकार का हिस्सा होने के बावजूद उनका यह अकेलापन बताता है कि सत्ता के गलियारों में डर और असुरक्षा किस हद तक घर कर चुकी है। जिनके पास ताकत होनी चाहिए वही खुद अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए चिंतित नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस पूरी घटना के पीछे मानसिक दबाव और राजनीतिक टॉर्चर की भूमिका रही है जिसने मंत्री को शारीरिक रूप से भी तोड़ दिया।
मेदांता अस्पताल में भर्ती के दौरान उनके परिवार ने जो बयान दिया वह और भी सवाल खड़े करता है। बेटे का यह कहना कि बाबा जीने नहीं देगा सत्ता के अंदर चल रहे तनाव और खींचतान का इशारा करता है। यह वही सच्चाई है जिसे जनता अब महसूस करने लगी है।
उत्तर प्रदेश की यह घटना केवल एक मंत्री की बीमारी नहीं बल्कि उस व्यवस्था का आईना है जहां असहमति को बीमारी में बदला जा रहा है। सत्ता की चमक के पीछे जो अंधेरा है वह अब तस्वीरों से झलकने लगा है। यह मामला आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति को हिला सकता है क्योंकि जब सत्ताधारी ही असुरक्षित महसूस करे तो जनता का विश्वास किस पर रहेगा।






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