नई दिल्ली :- लोकपाल संस्था जो भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए जानी जाती है वह खुद अब विवादों में घिर गई है क्योंकि संस्था ने अपने सदस्यों के लिए सात बीएमडब्ल्यू कारों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है। इस फैसले ने राजनीति में नई बहस छेड़ दी है विपक्ष ने इस कदम को जनता के पैसों की बर्बादी बताया है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के जज साधारण कारों में अपना काम करते हैं तो लोकपाल जैसे संस्था के सदस्यों को बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी गाड़ियों की क्या जरूरत है यह कदम सादगी और सेवा के सिद्धांतों के खिलाफ है।
बीएमडब्ल्यू कारों के टेंडर की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। जनता का कहना है कि भ्रष्टाचार मिटाने का दावा करने वाली संस्था खुद विलासिता की राह पर क्यों चल रही है। वहीं लोकपाल सचिवालय की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन सूत्रों के अनुसार यह गाड़ियां वीआईपी मूवमेंट और सुरक्षा कारणों से मंगाई जा रही हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले समय में केंद्र सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है क्योंकि जनता के बीच पारदर्शिता और सादगी की छवि बनाए रखना जरूरी है वहीं विपक्ष इस मामले को लोकसभा सत्र में भी उठा सकता है अब देखना यह होगा कि लोकपाल अपनी छवि बचाने के लिए क्या स्पष्टीकरण देता है या यह मामला और गहराता है।






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