नई दिल्ली:- यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम के बाद प्रोविजनल आंसर की जारी करने का फैसला किया है। यह कदम परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्या है प्रोविजनल आंसर की?
प्रोविजनल आंसर की एक अस्थायी उत्तर कुंजी होती है जिसमें परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं। यह उत्तर कुंजी उम्मीदवारों को अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और आवश्यकतानुसार आपत्ति दर्ज करने का अवसर प्रदान करती है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह निर्णय?
यूपीएससी द्वारा प्रोविजनल आंसर की जारी करने का निर्णय उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उम्मीदवारों को अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और आवश्यकतानुसार आपत्ति दर्ज करने का अवसर मिलेगा। इससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।
क्या होगा आगे?
यूपीएससी प्रीलिम्स एग्जाम के बाद प्रोविजनल आंसर की जारी करेगा। उम्मीदवार इस उत्तर कुंजी के आधार पर अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकेंगे और आवश्यकतानुसार आपत्ति दर्ज कर सकेंगे। इसके बाद यूपीएससी अंतिम उत्तर कुंजी जारी करेगा और परिणाम घोषित करेगा।
पारदर्शिता की दिशा में कदम
यूपीएससी का यह निर्णय परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उम्मीदवारों को अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और आवश्यकतानुसार आपत्ति दर्ज करने का अवसर मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
गौरतलब है कि यूपीएससी की इस नीति के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि यूपीएससी द्वारा आंसर की जारी करने में देरी से उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन होता है। इसी याचिका के संदर्भ में यूपीएससी ने अपनी नीति में बदलाव करने का फैसला किया है।
निष्पक्षता की होगी जीत
यूपीएससी का यह निर्णय निष्पक्षता और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे परीक्षा प्रक्रिया में उम्मीदवारों का विश्वास बढ़ेगा और वे अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकेंगे ।






Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114