भारत के मेट्रो शहरों में रहने वाले युवाओं के लिए एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है। हालिया अध्ययन के अनुसार 35 से 45 वर्ष की उम्र के कर्मचारियों में हार्ट डिजीज का खतरा 70 प्रतिशत तक बढ़ गया है। यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि भागदौड़ भरी जिंदगी तनाव और असंतुलित दिनचर्या अब दिल की सेहत पर गंभीर असर डाल रही है।
कार्यालयों में लंबे समय तक बैठकर काम करना नींद की कमी अस्वस्थ खानपान और व्यस्त जीवनशैली इस समस्या के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। काम का दबाव इतना बढ़ गया है कि लोग अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं दे पा रहे। नियमित व्यायाम की कमी और बाहर का तैलीय भोजन दिल की बीमारियों का खतरा और अधिक बढ़ा देता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट डिजीज से बचाव के लिए रोजाना कम से कम तीस मिनट व्यायाम करना जरूरी है। पैदल चलना योग करना और हल्की दौड़ जैसी गतिविधियां दिल को मजबूत बनाती हैं। साथ ही भोजन में हरी सब्जियों ताजे फलों और कम वसा वाले पदार्थों को शामिल करना चाहिए। धूम्रपान और अत्यधिक कैफीन सेवन से भी दूरी बनाना जरूरी है।
वर्कप्लेस पर दिल का ख्याल रखने के लिए छोटे छोटे कदम उठाए जा सकते हैं। हर घंटे कुछ मिनट खड़े होकर चलना सीढ़ियों का इस्तेमाल करना और पानी पर्याप्त मात्रा में पीना सेहत सुधारने में मदद करता है। तनाव को कम करने के लिए ध्यान मेडिटेशन और परिवार के साथ समय बिताना भी प्रभावी उपाय हैं।
यह रिपोर्ट मिलेनियल्स के लिए एक चेतावनी है कि समय रहते जीवनशैली में सुधार किया जाए। वरना आने वाले वर्षों में हार्ट डिजीज की समस्या और गंभीर रूप ले सकती है। दिल की देखभाल करना ही लंबी और स्वस्थ जिंदगी की सबसे बड़ी कुंजी है।






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