भोपाल (मध्य प्रदेश):- भोपाल में दशहरे के पर्व को लेकर लोग जहां उल्लास और उमंग से भरे हुए थे वहीं कुछ असामाजिक तत्वों की हरकत ने पूरे माहौल को बिगाड़ दिया। सुबह के समय जब लोग रावण दहन की तैयारियों को देखने के लिए उत्साहित थे तब यह खबर फैल गई कि कुछ नशे में धुत युवकों ने रावण के पुतले में आग लगा दी। इस घटना ने न केवल आयोजकों को हतप्रभ कर दिया बल्कि वहां मौजूद लोगों के बीच भी भारी आक्रोश पैदा कर दिया।
रावण दहन का पर्व भारतीय समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व के माध्यम से लोग यह संदेश ग्रहण करते हैं कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो अंत में उसे पराजित होना ही पड़ता है। लेकिन भोपाल में हुई इस घटना ने धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपरा को गहरी ठेस पहुंचाई है। सुबह लगभग छह बजे जब आयोजक स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि रावण का विशाल पुतला आग की लपटों में घिरा हुआ है। यह दृश्य देखकर वे स्तब्ध रह गए और वहां मौजूद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। लोगों को समझाया गया कि नए सिरे से रावण का पुतला तैयार किया जाएगा ताकि दशहरे का पर्व अपनी गरिमा के साथ संपन्न हो सके। हालांकि लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि आखिरकार शहर में सुरक्षा व्यवस्था इतनी ढीली क्यों रही कि नशे में धुत युवक इस तरह की हरकत कर सके।
यह घटना इस बात की ओर भी संकेत करती है कि त्योहारों के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। भोपाल की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि कुछ गैरजिम्मेदार लोगों की हरकतें समाज के सामूहिक उत्सव को कलंकित कर सकती हैं। ऐसे में प्रशासन को और सजग रहना होगा ताकि सांस्कृतिक धरोहर की गरिमा बनी रहे।






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