नई दिल्ली:- भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा है कि भारत की 8% वृद्धि की राह पर प्राइवेट निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका है। पात्रा ने कहा कि प्राइवेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए खपत में तेजी लाना आवश्यक है जिससे कंपनियों को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
प्राइवेट निवेश की वर्तमान स्थिति
प्राइवेट निवेश में गिरावट के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी हो गई है। हालांकि सरकार और आरबीआई के प्रयासों से खपत में तेजी आने की उम्मीद जिससे प्राइवेट निवेश को बढ़ावा मिलेगा। पात्रा ने कहा कि प्राइवेट निवेश के लिए मांग में वृद्धि होना आवश्यक है जिससे कंपनियों को नई क्षमता बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
सरकार और आरबीआई के प्रयास
सरकार और आरबीआई ने खपत में तेजी लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें आयकर में कटौती और जीएसटी में कमी शामिल है। इसके अलावा आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है जिससे कर्ज सस्ता होगा और खपत में तेजी आएगी।
आर्थिक वृद्धि के लिए प्राइवेट निवेश की महत्ता
प्राइवेट निवेश आर्थिक वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। यह न केवल रोजगार के अवसर पैदा करता है बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है। पात्रा ने कहा कि प्राइवेट निवेश में तेजी आने से भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8% तक पहुंच सकती है।






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