नई दिल्ली: भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर में घटकर 1.54 प्रतिशत पर पहुंच गई जो 8 साल के निचले स्तर पर है। यह जानकारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों से मिली है। अगस्त में महंगाई दर 2.07 प्रतिशत थी।
खाद्य कीमतों में गिरावट
महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य कीमतों में कमी आना है। सितंबर में खाद्य महंगाई दर -2.28 प्रतिशत रही, जो अगस्त में -0.64 प्रतिशत थी। सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट के कारण खाद्य महंगाई दर में कमी आई है। सब्जियों की कीमतें 21.38 प्रतिशत और दालों की कीमतें 15.32 प्रतिशत घटी हैं।
आरबीआई का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई का मानना है कि जीएसटी दरों में कटौती से महंगाई दर में और कमी आएगी। आरबीआई ने कहा है कि महंगाई दर अब उसके लक्ष्य के नीचे है, जिससे विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश बन गई है।
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई दर में गिरावट के कारण आरबीआई दिसंबर में नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी दरों में कटौती और खाद्य कीमतों में कमी के कारण महंगाई दर में और गिरावट आएगी।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती की है जिससे रोजमर्रा की कई चीजों के दाम में कमी आने की संभावना है। सरकार का मानना है कि इससे महंगाई दर में और कमी आएगी और विकास दर में तेजी आएगी।






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