नई दिल्ली:- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शंकर मल्लिक ने कहा है कि भारत अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों में स्थिरता का प्रतीक बन गया है। देश की मजबूत आर्थिक नींव, कम मुद्रास्फीति, अच्छे विदेशी मुद्रा भंडार और मजबूत बैंकिंग प्रणाली के कारण भारत वैश्विक अस्थिरता के बीच स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।
आरबीआई गवर्नर के बयान
शंकर मल्लिक ने कहा, “भारत की आर्थिक नींव बहुत मजबूत है जिसे दशकों से सावधानीपूर्वक बनाया गया है। हमारे पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार, कम मुद्रास्फीति, और मजबूत बैंकिंग प्रणाली है।” उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की नीति निर्माताओं, नियामकों और नियंत्रित संस्थाओं के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
आर्थिक स्थिरता के प्रमुख कारक
– मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार: भारत के पास 700.236 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है जो लगभग 11 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त है।
-कम मुद्रास्फीति: मुद्रास्फीति दर 2.6 प्रतिशत पर आ गई है जो आरबीआई के लक्ष्य के अनुरूप है।
– मजबूत बैंकिंग प्रणाली: बैंकों की बैलेंस शीट मजबूत हुई है जो वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने कहा, “भारत की आर्थिक वृद्धि, जो राजकोषीय समेकन रणनीतिक सुधारों और नियंत्रित मुद्रास्फीति पर आधारित है एक स्थिरता का स्रोत है।”






Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114