पटना (बिहार):- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान होते ही राज्य की राजनीति में सीटों की खींचतान तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी अब एनडीए गठबंधन से कम से कम 15 सीटों की मांग कर रहे हैं। मांझी का कहना है कि उनकी पार्टी ने पिछले चुनावों में सम्मानजनक प्रदर्शन किया था और इस बार वे अपनी ताकत दिखाने को तैयार हैं।
सूत्रों के मुताबिक मांझी की पार्टी एनडीए के भीतर ज्यादा प्रभावशाली भूमिका चाहती है। उनका लक्ष्य इस बार अपनी पार्टी को राज्यस्तरीय दल का दर्जा दिलाना है जिसके लिए उन्हें सात से आठ विधायकों की जरूरत है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वे एनडीए के शीर्ष नेताओं पर सीटों को लेकर दबाव बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगले दो दिनों में सीट बंटवारे पर बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
मांझी की रणनीति साफ है वे दलित और महादलित वोटरों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। उनका मानना है कि बिहार की राजनीति में यह वर्ग निर्णायक भूमिका निभाता है और अगर उनका समर्थन मिला तो पार्टी आसानी से कई सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मांझी की सीट मांग एनडीए के लिए चुनौती बन सकती है क्योंकि बीजेपी और जेडीयू पहले से ही कई सीटों पर दावा ठोक चुके हैं। अगर समझौता नहीं हुआ तो मांझी का अलग रास्ता अपनाना भी तय माना जा रहा है। हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि वे गठबंधन धर्म निभाना चाहते हैं लेकिन पार्टी के हित से कोई समझौता नहीं करेंगे। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए मांझी की मांगों पर क्या रुख अपनाता है।






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