पटना (बिहार):- बिहार एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर एक बार फिर सियासी खींचतान तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को सिर्फ छह सीटें मिलने के बाद नाराजगी की चर्चा तेज हो गई है। मांझी ने शुरू में पंद्रह सीटों की मांग की थी लेकिन अंतिम समझौते में उन्हें उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के बराबर सीटें मिलीं जबकि कुशवाहा के पास न तो विधायक हैं और न ही लोकसभा सदस्य। इस फैसले से मांझी के समर्थक खुद को राजनीतिक रूप से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
मांझी ने हालांकि सार्वजनिक तौर पर संयम दिखाते हुए कहा है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा रखते हैं और एनडीए गठबंधन के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का लक्ष्य सीटों की संख्या नहीं बल्कि बिहार के विकास में भागीदारी है। इसके बावजूद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि सीटों के इस बंटवारे ने एनडीए के अंदर असंतोष का माहौल पैदा कर दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है क्योंकि मांझी का दल दलित और महादलित मतदाताओं पर मजबूत पकड़ रखता है। यदि असंतोष गहराया तो विपक्ष इस मौके का फायदा उठा सकता है। दूसरी ओर भाजपा और जदयू इस मसले को जल्द सुलझाने की कोशिश में जुटी हैं ताकि गठबंधन की एकजुटता पर सवाल न उठे। आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में यह मुद्दा बड़ा विमर्श बन सकता है।






Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114