नई दिल्ली :- पांच लंबे सालों के बाद भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की शुरुआत होने जा रही है। यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में एक नई गर्माहट का संकेत माना जा रहा है। साल 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक संबंधों में ठंडक आ गई थी। अब जब 26 अक्टूबर से उड़ानें फिर शुरू होंगी तो इसे रिश्तों की बहाली की दिशा में अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि चीन ने यह फैसला बदलते वैश्विक माहौल और अमेरिका की सख्त नीतियों के दबाव में लिया है। डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते चीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक और रणनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भारत के साथ फिर से संवाद और संपर्क बढ़ाना चीन के लिए रणनीतिक दृष्टि से फायदेमंद साबित हो सकता है।
भारत के लिए भी यह कदम व्यापार शिक्षा पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिहाज से सकारात्मक माना जा रहा है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें रुकने से हजारों छात्रों व्यापारियों और पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। अब उनके लिए फिर से यात्रा का मार्ग आसान होगा।
हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि उड़ानों की शुरुआत सिर्फ पहला कदम है। असली चुनौती दोनों देशों के बीच भरोसे को फिर से स्थापित करने की होगी। सीमाओं पर शांति बनाए रखना और संवाद को मजबूत करना ही आने वाले समय में रिश्तों की दिशा तय करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई उड़ान दोनों देशों के संबंधों को किस ऊंचाई तक ले जा पाती है।






Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114