वाशिंगटन (अमेरिका):- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान देकर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने 9/11 हमले से लगभग एक साल पहले ही अमेरिकी सरकार को ओसामा बिन लादेन के खतरे के बारे में आगाह किया था लेकिन उस समय किसी ने उनकी चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया। ट्रंप के इस बयान ने अमेरिकी मीडिया और राजनीति दोनों में नई बहस को जन्म दे दिया है।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने कारोबारी जीवन के दौरान कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार को सुझाव दिए लेकिन नौकरशाही की उदासीनता और राजनीतिक स्वार्थ के कारण उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। उनका कहना है कि अगर उस समय उनकी चेतावनी पर ध्यान दिया गया होता तो शायद 9/11 जैसी भयावह त्रासदी को रोका जा सकता था।
इस बयान के बाद ट्रंप के समर्थक इसे उनके दूरदर्शी नेतृत्व की मिसाल बता रहे हैं जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि यह बयान मात्र राजनीतिक प्रचार है जिसका कोई ठोस सबूत नहीं है। कई विश्लेषकों ने यह भी कहा कि ट्रंप अक्सर चर्चाओं में बने रहने के लिए इस तरह करते रहते हैं।
9/11 का हमला अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। अब ट्रंप के इस दावे ने उस घटना से जुड़े पुराने घावों को फिर से ताजा कर दिया है। देखना यह होगा कि क्या ट्रंप अपने दावे के समर्थन में कोई प्रमाण पेश करते हैं या यह बयान सिर्फ एक नई राजनीतिक रणनीति साबित होगा।






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