मुंबई (महाराष्ट्र):- दुनिया की मशहूर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला एक बार फिर विवादों में आ गई है। इस बार मामला उसकी सेल्फ ड्राइविंग तकनीक यानी फुल सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम से जुड़ा है जिस पर अमेरिका की नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन ने नई जांच शुरू की है। यह जांच तब शुरू की गई जब हाल ही में टेस्ला की स्वचालित कारों से जुड़े कई हादसे सामने आए जिनमें ड्राइवर और राहगीरों दोनों की जान जोखिम में पड़ी।
NHTSA का कहना है कि उसे कई शिकायतें मिली हैं जिनमें बताया गया कि टेस्ला की कारें ट्रैफिक सिग्नल और स्टॉप साइन को सही तरह से पहचान नहीं पा रहीं जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ रही है। जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि कंपनी की फुल सेल्फ ड्राइविंग तकनीक सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है या नहीं।
टेस्ला ने हमेशा दावा किया है कि उसकी कारें तकनीकी रूप से बेहद उन्नत हैं और यह प्रणाली लगातार सॉफ्टवेयर अपडेट्स के जरिए बेहतर होती जा रही है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक अभी पूरी तरह भरोसेमंद नहीं है और इसे पूरी तरह स्वचालित कहना जोखिम भरा हो सकता है।
कई उपभोक्ता संगठनों ने भी इस तकनीक पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि टेस्ला अपने विज्ञापनों में फुल सेल्फ ड्राइविंग को इस तरह पेश करती है जैसे गाड़ी को मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं लेकिन वास्तविकता इससे अलग है।
अब सभी की नजर इस बात पर है कि जांच के नतीजे क्या सामने आते हैं और क्या टेस्ला को अपनी तकनीक में बड़े बदलाव करने पड़ेंगे। यह मामला न केवल कंपनी की साख बल्कि पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की दिशा तय कर सकता है जो तेजी से स्वचालित वाहनों की ओर बढ़ रही है।






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