नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट्स के भरोसेमंद उद्योगपति वेणु श्रीनिवासन की कार्यकाल नवीनीकरण की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोल टाटा की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में वेणु श्रीनिवासन के कार्यकाल को नवीनीकृत करने का निर्णय लिया गया है।
क्या है मामला?
टाटा ट्रस्ट्स के दो प्रमुख ट्रस्ट, सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट टाटा सन्स की लगभग 52% हिस्सेदारी के मालिक हैं। इन ट्रस्टों के चेयरमैन का चयन एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो टाटा समूह की दिशा और दशा को निर्धारित करता है। वेणु श्रीनिवासन, जो टाटा ट्रस्ट्स के वाइस-चेयरमैन हैं का कार्यकाल 23 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है।
वेणु श्रीनिवासन की भूमिका
वेणु श्रीनिवासन टाटा समूह के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं और उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के वाइस-चेयरमैन के रूप में अपनी भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह टाटा सन्स के बोर्ड में भी निदेशक हैं और आरबीआई के बोर्ड में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि नियुक्ति पर विवाद भी हुआ है जिसमें हितों के टकराव का आरोप लगाया गया है।
मेहली मिस्त्री की भूमिका
वेणु श्रीनिवासन के कार्यकाल नवीनीकरण के साथ ही मेहली मिस्त्री की कार्यकाल नवीनीकरण की प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण हो गई है। मेहली मिस्त्री टाटा ट्रस्ट्स के एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य हैं और उनकी कार्यकाल नवीनीकरण के लिए सभी सात ट्रस्टियों की सहमति आवश्यक होगी। मिस्त्री को रतन टाटा का करीबी माना जाता है और उनकी नियुक्ति को टाटा समूह के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है।
नोल टाटा की भूमिका
नोल टाटा जो रतन टाटा के सौतेले भाई हैं को अक्टूबर 2024 में टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति को टाटा समूह के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि वह टाटा परिवार के एक सदस्य हैं और उनकी नियुक्ति से टाटा समूह की स्थिरता और विकास में मदद मिल सकती है।






Deprecated: File Theme without comments.php is deprecated since version 3.0.0 with no alternative available. Please include a comments.php template in your theme. in /home/u754392520/domains/dastakhindustan.in/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114