ग्वाटेमाला सिटी: ग्वाटेमाला की सरकार ने एक नए एंटी-गैंग कानून को पारित किया है जिसमें दो कुख्यात गिरोहों बैरियो 18 और मारा साल्वात्रुचा को आतंकवादी समूह घोषित किया गया है। इस कानून के तहत गिरोह के सदस्यों के लिए कारावास की सजा बढ़ाई जाएगी और एक नए जेल के निर्माण का आदेश दिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
ग्वाटेमाला की संसद ने मंगलवार को इस कानून को पारित किया, जिसका उद्देश्य सरकार को गिरोहों के खिलाफ लड़ने के लिए अधिक संसाधन प्रदान करना है। इस कानून के तहत गिरोह के सदस्यों को आतंकवादी माना जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। इसके अलावा सरकार एक नए जेल के निर्माण का भी आदेश देगी जिसमें गिरोह के सदस्यों को रखा जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
ग्वाटेमाला की सरकार ने यह फैसला हाल ही में हुए एक जेल ब्रेक के बाद लिया है जिसमें 20 गिरोह के सदस्य भाग गए थे। इस घटना के बाद राष्ट्रपति बर्नार्डो अरेवालो ने तीन शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे। अरेवालो ने कहा कि यह भागना गिरोह द्वारा एक समन्वित साजिश थी जो जेल में सख्त शर्तों के खिलाफ थी।
अमेरिका की भूमिका
अमेरिका ने पहले ही बैरियो 18 और मारा साल्वात्रुचा को विदेशी आतंकवादी संगठनों के रूप में नामित किया है। इस नामांकन से ग्वाटेमाला को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा और वह अपने प्रयासों को और मजबूत कर सकेगा।
ग्वाटेमाला के पड़ोसी देश एल सल्वाडोर से तुलना
एल सल्वाडोर ने हाल के वर्षों में अपने क्षेत्र में गिरोहों को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। एल सल्वाडोर की सरकार ने आपातकाल की स्थिति घोषित की है और 80,000 से अधिक लोगों को जेल में डाला है। ग्वाटेमाला का नया कानून एल सल्वाडोर के मॉडल से प्रेरित लगता है लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के कदमों से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।






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