तमिलनाडु (चेन्नई):- चेन्नई में कोल्ड्रिफ कफ सीरप कंपनी के मालिक रंगनाथन की गिरफ्तारी ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। यह मामला सिर्फ एक सीरप की मिलावट तक सीमित नहीं है बल्कि दवा उद्योग में फैले भ्रष्टाचार और लापरवाही की गहरी परतें उजागर कर रहा है। एमपी पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि इस सीरप में ऐसे रासायनिक तत्वों का प्रयोग किया गया जो मानव शरीर के लिए खतरनाक हैं। कई मरीजों में इसके सेवन के बाद गंभीर दुष्प्रभाव सामने आए जिनमें लीवर और किडनी को नुकसान शामिल है।
जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने मुनाफे के लालच में घटिया क्वालिटी के केमिकल्स का उपयोग किया। उत्पादन प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की गई और गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट को फर्जी तरीके से पास दिखाया गया। पुलिस ने कंपनी के कार्यालय और गोदामों पर छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं जो मिलावट के सबूत पेश करते हैं।
रंगनाथन की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने दवा निर्माण करने वाली अन्य कंपनियों पर भी कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला एक चेतावनी है क्योंकि दवाओं में मिलावट का अर्थ है सीधे लोगों की जान से खिलवाड़। आम जनता अब इस बात को लेकर सतर्क हो गई है कि वे किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले उसकी असली और नकली पहचान अवश्य जांचें।
यह पूरा घटनाक्रम यह साबित करता है कि लालच जब नैतिकता पर हावी हो जाता है तब उसका परिणाम समाज के लिए घातक होता है। कोल्ड्रिफ घोटाला अब पूरे देश के लिए एक बड़ा सबक बन गया है।






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