नई दिल्ली :- भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल ने आखिरकार घरेलू सरजमीं पर अपनी शानदार बल्लेबाजी से इतिहास रच दिया। 3211 दिनों के लंबे इंतजार के बाद उन्होंने भारत में दूसरा शतक जड़ा। यह शतक न केवल उनके करियर का महत्वपूर्ण पड़ाव है बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में भी एक खास रिकॉर्ड बन गया है। घरेलू मैदान पर दो शतकों के बीच इतना लंबा अंतराल किसी भारतीय बल्लेबाज ने पहले दर्ज नहीं किया था। इससे पहले यह रिकॉर्ड आर अश्विन के नाम था लेकिन अब राहुल ने इसे पीछे छोड़ दिया है।
राहुल की बल्लेबाजी हमेशा से तकनीक और धैर्य का बेहतरीन उदाहरण रही है। विदेशी पिचों पर उन्होंने कई शानदार पारियां खेली हैं लेकिन घरेलू मैदान पर शतक की कमी उनके करियर पर सवाल खड़े करती रही थी। ऐसे में यह शतक उनके लिए आत्मविश्वास और गर्व का विषय है। उनके बल्ले से निकले हर रन ने दर्शकों का उत्साह दोगुना कर दिया और यह साबित किया कि राहुल अभी भी भारतीय टीम के भरोसेमंद बल्लेबाजों में शामिल हैं।
इस शतक का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह ऐसे समय आया है जब भारतीय टीम को मध्यक्रम में स्थिरता की सख्त जरूरत थी। राहुल ने जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए संयमित और आक्रामक दोनों तरह की बल्लेबाजी का संतुलन दिखाया। उन्होंने गेंदबाजों को थकाने की रणनीति अपनाई और मौके मिलने पर शानदार शॉट्स भी खेले।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह शतक राहुल के करियर में नई ऊर्जा का संचार करेगा। लंबे समय से वे चोट और अस्थिर फॉर्म से जूझ रहे थे लेकिन इस पारी ने उनके आत्मविश्वास को मजबूत कर दिया है। यह उपलब्धि आने वाले मैचों में उनके प्रदर्शन को और ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
केएल राहुल ने अपने खेल से यह संदेश दिया है कि धैर्य समर्पण और कड़ी मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। उनका यह शतक न केवल आंकड़ों में बल्कि दर्शकों की यादों में भी लंबे समय तक दर्ज रहेगा।






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