श्रीनगर (जम्मू कश्मीर):- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सर क्रीक में दुस्साहस के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा विवाद को सुलझाने की कोशिश की पर पाकिस्तान की नीयत ठीक नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच सर क्रीक का विवाद दशकों से चला आ रहा है लेकिन अब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी दुस्साहस को बर्दाश्त नहीं करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि कराची का रास्ता सर क्रीक से होकर गुजरता है और यदि पाकिस्तान ने कोई गलत कदम उठाया तो उसका भूगोल बदल जाएगा। यह बयान न केवल पाकिस्तान के लिए गंभीर चेतावनी है बल्कि भारत की दृढ़ कूटनीतिक और सैन्य नीति का परिचायक भी है।
सर क्रीक गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच फैला एक दलदली इलाका है जिसे लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है। भारत ने कई बार बातचीत और समझौते के जरिये इस मसले को हल करने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान की नीयत हमेशा संदिग्ध रही। समय समय पर पाकिस्तान इस क्षेत्र में घुसपैठ और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है। इसीलिए अब भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी सहनशीलता को कमजोरी न समझा जाए।
राजनाथ सिंह का यह बयान उस समय आया है जब सीमा पर तनाव की घटनाएं बढ़ रही हैं। पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियां लगातार उकसावे की हरकतें कर रही हैं। ऐसे में भारत ने यह दिखा दिया है कि वह हर परिस्थिति का जवाब देने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा शांति और संवाद को प्राथमिकता दी है लेकिन अगर किसी ने देश की एकता और अखंडता को चुनौती दी तो उसका जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।
इस चेतावनी के बाद पाकिस्तान पर दबाव बढ़ना तय है क्योंकि भारत आज विश्व स्तर पर मजबूत स्थिति में खड़ा है। आर्थिक शक्ति के साथ साथ सैन्य क्षमता में भी भारत तेजी से आगे बढ़ा है। आधुनिक हथियार तकनीक और सशक्त कूटनीति ने भारत को वैश्विक मंच पर अलग पहचान दिलाई है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है और ऐसे में भारत के सख्त रुख ने उसे और असहज कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि राजनाथ सिंह का बयान केवल सैन्य दृष्टिकोण से नहीं बल्कि कूटनीतिक दृष्टि से भी अहम है। इससे दुनिया को यह संदेश गया है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है। पाकिस्तान को अब समझना होगा कि सीमा विवाद को खींचते रहने से उसे कोई लाभ नहीं मिलने वाला बल्कि वह और अलग-थलग पड़ जाएगा।
सर क्रीक विवाद पर भारत की यह दो टूक चेतावनी इस बात का प्रतीक है कि अब पुरानी नीतियों के अनुसार सहनशीलता दिखाने का दौर खत्म हो चुका है। भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर स्तर पर तैयार है और यदि जरूरत पड़ी तो निर्णायक कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा।






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