नई दिल्ली:- एप्पल पर हाल ही में एक बड़ा मुकदमा दर्ज किया गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने अपनी एआई तकनीक एप्पल इंटेलिजेंस को प्रशिक्षित करने के लिए हजारों कॉपीराइटेड किताबों का बिना अनुमति उपयोग किया है। यह मुकदमा दो न्यूरोसाइंटिस्ट्स, सुसाना मार्टिनेज-कॉन्डे और स्टीफन मैकनिक द्वारा दायर किया गया है, जिन्होंने अपनी किताबों के अधिकारों का उल्लंघन होने का दावा किया है।
क्या है मामला?
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि एप्पल ने अपनी एआई तकनीक को प्रशिक्षित करने के लिए पायरेटेड किताबों का उपयोग किया, जिनमें मार्टिनेज-कॉन्डे और मैकनिक की किताबें “चैंपियंस ऑफ इल्यूजन” और “स्लाइट्स ऑफ माइंड” भी शामिल हैं। इन किताबों का उपयोग बिना अनुमति और बिना किसी मुआवजे के किया गया था। मुकदमे में यह भी आरोप लगाया गया है कि एप्पल ने जानबूझकर कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन किया और अपनी एआई तकनीक को विकसित करने के लिए इसका फायदा उठाया।
किताबों का उपयोग कैसे किया गया?
मुकदमे में कहा गया है कि एप्पल ने अपनी एआई तकनीक को प्रशिक्षित करने के लिए “शैडो लाइब्रेरीज़” का उपयोग किया, जो पायरेटेड किताबों के ऑनलाइन भंडार हैं। इन लाइब्रेरीज़ में हजारों कॉपीराइटेड किताबें थीं जिनका उपयोग एप्पल ने अपनी एआई तकनीक को विकसित करने के लिए किया।
मुकदमे की मांगें
मुकदमे में एप्पल से मुआवजा और अपनी एआई तकनीक में कॉपीराइटेड सामग्री का उपयोग बंद करने का आदेश देने की मांग की गई है। मुकदमे में यह भी कहा गया है कि एप्पल को अपनी एआई तकनीक को विकसित करने के लिए उपयोग की जाने वाली कॉपीराइटेड सामग्री के लिए उचित मुआवजा देना चाहिए।
एप्पल की प्रतिक्रिया
एप्पल ने अभी तक इस मुकदमे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह मामला एआई तकनीक और कॉपीराइट कानूनों के बीच के संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।






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