नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में आईजी (इंस्पेक्टर जनरल) रैंक के अफसर पर एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) की पत्नी ने यौन उत्पीड़न और शारीरिक-मानसिक शोषण का बेहद गंभीर आरोप लगाया है। वहीं इन आरोपों के सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। दूसरी ओर आईपीएस अधिकारी ने महिला के दावों को सिरे से खारिज करते हुए उन पर लंबे समय से ब्लैकमेल करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का पलटवार किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने तत्काल विभागीय जाँच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यौन उत्पीड़न का आरोप सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने लगाया है। महिला ने दावा किया है कि आईपीएस अधिकारी ने लगभग सात साल तक उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया। महिला का आरोप है कि जब वह अधिकारी के अधीन कार्यरत थी तब उन्होंने अपनी पत्नी की अनुपस्थिति में उसे अपने बंगले पर बुलाया और आपत्तिजनक हरकतें कीं।
महिला ने अपनी शिकायत में यह भी बताया है कि आईपीएस अधिकारी का तबादला चंदखुरी पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में होने के बाद भी उन्होंने उसे परेशान करना नहीं छोड़ा। आरोप है कि अधिकारी उसे लगातार वीडियो कॉल पर नजर रखने और उसकी निजी जिंदगी के बारे में जानकारी देने का दबाव डालते थे। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी उसे वीडियो कॉल पर रहने के लिए मजबूर करते थे।
दूसरी तरफ आईपीएस अधिकारी ने इन सभी आरोपों को मनगढ़ंत और झूठा करार दिया है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक लिखित पत्र सौंपा है जिसमें उन्होंने महिला पर ब्लैकमेलिंग का गंभीर आरोप लगाया है। आईपीएस अधिकारी का कहना है कि सब-इंस्पेक्टर की पत्नी पिछले कई वर्षों से उन्हें और उनके परिवार को ब्लैकमेल कर रही है और मानसिक रूप से परेशान कर रही है।
आईपीएस अधिकारी ने अपने पत्र में यह चौंकाने वाला दावा किया है कि महिला ने उनके वॉशरूम और उनके कुछ निजी पलों के वीडियो अवैध रूप से बना लिए थे और इन्हीं वीडियो के जरिए उन्हें धमकाना शुरू कर दिया था। अधिकारी का आरोप है कि महिला पैसे ऐंठने और उन्हें बदनाम करने के लिए इन झूठे आरोप लगा रही है।
मामला एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी से जुड़ा होने के कारण पुलिस मुख्यालय ने आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए तुरंत विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में महिला और आईपीएस अधिकारी दोनों के पक्षों को सुना जाएगा और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
यह घटना छत्तीसगढ़ पुलिस प्रशासन के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है। एक तरफ जहां एक महिला ने सात साल तक यौन और मानसिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है, वहीं दूसरी तरफ आईपीएस अधिकारी ने खुद को ब्लैकमेलिंग का शिकार बताया है। अब इस पूरे मामले की सच्चाई विभागीय जांच के नतीजों पर निर्भर करेगी। पुलिस विभाग जल्द से जल्द मामले की तह तक जाकर सच्चाई सामने लाने और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहा है।






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