नई दिल्ली :- अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव के बीच अमेरिका को दुर्लभ धातु व्यापार में चीन से दूर जाने के लिए जापान से सीखने की जरूरत है। जापान ने 2010 में चीन द्वारा दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कई कदम उठाए थे।
जापान की रणनीति
जापान ने अपनी दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए कई रणनीतियों को अपनाया, जिनमें शामिल हैं :
– विविधीकरण: जापान ने अपनी दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति को विविध बनाने के लिए कई देशों के साथ समझौते किए।
– पुनर्चक्रण: जापान ने दुर्लभ धातुओं के पुनर्चक्रण पर जोर दिया।
– नई तकनीकों का विकास: जापान ने दुर्लभ धातुओं के विकल्प के रूप में नई तकनीकों का विकास किया।
अमेरिका की चुनौती
अमेरिका को भी दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए इसी तरह की रणनीतियों को अपनाने की जरूरत है। अमेरिका की कई महत्वपूर्ण उद्योगें, जैसे कि रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स, दुर्लभ धातुओं पर निर्भर हैं।
चीन की धमकी
चीन ने हाल ही में अमेरिका को धमकी दी है कि वह दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है। यह धमकी अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि चीन दुनिया की सबसे बड़ी दुर्लभ धातु उत्पादक देश है।
दुर्लभ धातुओं के उपयोग
दुर्लभ धातुओं का उपयोग कई महत्वपूर्ण उद्योगों में किया जाता है जिनमें शामिल हैं:
– रक्षा: दुर्लभ धातुओं का उपयोग रक्षा उपकरणों जैसे कि मिसाइल और रडार में किया जाता है।
– इलेक्ट्रॉनिक्स: दुर्लभ धातुओं का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों जैसे कि स्मार्टफोन और लैपटॉप में किया जाता है।
– इलेक्ट्रिक वाहन: दुर्लभ धातुओं का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में किया जाता है।






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